Breaking News

गुरु गोविंद दोऊ खड़े..................

देवेश प्रताप सिंह राठौर 

(वरिष्ठ पत्रकार)

...... गुरु गोविंद दोऊ खड़े काके लागू पाय बलिहारी गुरु आपने गोविंद दियो बताए...... आज शिक्षक दिवस गुरु दिवस का बहुत बड़ा सम्मान का दिवस है इस सम्मान के लिए हमारे सबसे बड़ा गुरु मां और बाप होते हैं उनसे बेहतर बच्चे का कोई भी गुरु नहीं होता है हम उस मां उस बात को सादर प्रणाम करते हैं जो हमारे जन्मदाता है और हमारे प्रथम गुरु हैं आज शिक्षक दिवस के अवसर पर बहुत से लोग बहुत तरह-तरह के वक्तव्य देते हैं मित्रों साथियों जिंदगी में मां बाप से बड़ा कोई गुरु नहीं है मां बाप का कभी अनादर मत करो मां-बाप का सदैव सम्मान करो मैं विश्वास दिलाता हूं कभी भी कोई भी दिक्कत आएगी निश्चित दूर होगी मां बाप एक ऐसी चीज है जो हमको वह संस्कार वह ज्ञान प्राप्त होता है उसके बाद हम जब स्कूलों का ले जाते हैं हमें जीवन की कार्यों के प्रति अपने शैक्षिक ज्ञान को बढ़ाने हेतु हमें शिक्षक के माध्यम से उसमें और कर्म के आधार पर हमें ज्ञान प्राप्त होता है आज शिक्षक दिवस के अवसर पर मैं अपने बहुत बड़े गुरु जिनको मैं अपने पिता तुल्य समझता हूं बड़े भाई हैं पिता तुल्य है ,श्री राजबहादुर सिंह चंदेल शिक्षक विधायक 6 बार से एमएलसी हैं मैं उनके चरणों पर सर रखकर उन्हें प्रणाम चरण स्पर्श करता हूं क्योंकि वह एक इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल से अवकाश प्राप्त होकर जो उन्होंने शिष्य के रूप में हमें जो ज्ञान दिया है हमें सत्य के रास्ते पर चलते हुए आगे बढ़ने का जो ज्ञान में हमारे गुरु चंदेल जी ने दिया है ,मैं उनका जीवन में कभी कर्ज को उतार नहीं सकता वह ऐसे गुरु है बहुत ही कम लोग आज शिक्षक विजय राज बहादुर सिंह चंदेल जी के जीवन के बारे में जाने 6 बार से मिलती है यानी 36 वर्ष हो गए हैं ।विधान परिषद सदस्य है


विधानमंडल दल के उप सभापति है मैं उनको आज भी वह वही है कोई बदलाव नहीं हुआ है ईमानदारी के क्षेत्र में उनकी एक मिसाल है कोई एक बार एमएलसी बन जाता है करोड़ों करोड़ों का वारा न्यारा कर देता है लेकिन हमारे शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल जब शिक्षक विधायक नहीं थे कॉलेज के प्रिंसिपल थे वह जिस मकान में रह रहे हैं वह मकान भी उनका पुराना मकान है ऐसे इमानदार व्यक्ति जीवन में बहुत ही कम लोग आते हैं उनके सम्मान को उनके संस्कारों को जिसने धारण करके उनका सम्मान किया है और उनके ज्ञान को अपने जीवन में उतारा है और धन से तो कमजोर हो सकता है लेकिन मन उस शक्ति से बड़ा मजबूत होगा क्योंकि इमानदार लोग बहुत ही कम है आज के युग में हमारे जनपद उन्नाव का गौरव राजबहादुर सिंह चंदेल एक व्यक्तित्व व्यक्त है आज मैं शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने महागुरु चंदेल जी को प्रणाम करता हूं।

No comments