Breaking News

कानपुर:- भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित,54वें दीक्षा समारोह में प्रधानमंत्री के संबोधन की दस बड़ी बातें

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित 54वें दीक्षा समारोह में प्रधानमंत्री ने पास आउट टेक्नोक्रेट्स को कंफर्ट जोन की बजाए चैलेंज लेने का मंत्र दिया तो आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनने का आह्वान किया। 
कानपुर कार्यालय संवाददाता:- उन्होंने 2047 के भारत का सपना साकार करने का संकल्प कराया और भारत के विकास यात्रा की बागडोर संभालने की चुनौती दी। 21वीं सदी के दौर में दबदबा बना रहे टेक्नोलाजी के बिना जीवन को अधूरा बताया और इस युग को जीवन और टेक्नोलाजी के स्पर्धा वाला कहा। राष्ट्र के जीवन के अमृतकाल समय के इस गोल्डन ऐरा में आजादी के सौ साल पूरे कर चुके 2047 के भारत का सपना साकार करने का संकल्प कराया और भरोसा जताया कि आइआइटी से मिली ताकत से सपने पूरे करने से कोई रोक नहीं सकता है। पूरे संबोधन में उन्होंने संबोधन के जरिए आइआइटी के छात्रों को खास मंत्र दिए..।

1-कहा, आइआइटी कानपुर में जो अर्जित किया, जो विचार समृद्ध हुए, जिसकी शक्ति से जहां भी जाएंगे, वहां कुछ नया कुछ नया-अनोखा करेंगे, कुछ वैल्यू एडीशन करेंगे। ट्रेनिंग, स्किल और ज्ञान निश्चित तौर पर आपको प्रक्टिकल वर्ल्ड में मजबूती से जगह बनाने में बहुत मदद करेगा, लेकिन व्यक्तित्व विकसित होने के बाद आप अपने समाज और देश को एक नया सामर्थ्य दें।

2-कहा, आजादी के 75वें वर्ष में जैसे राष्ट्र के जीवन का अमृतकाल है, वैसे ही ये आपके जीवन का अमृत काल है। अमृत महोत्सव की इस घड़ी में आइआइटी की लीगेसी लेकर निकल रहे हैं तो उन सपनों को भी लेकर निकलें कि 2047 का भारत कैसा होगा। आने वाले 25 सालों में भारत के विकास यात्रा की बागडोर संभालें। अपने जीवन के 50 साल पूरे कर रहे होंगे, उस समय का भारत कैसा होगा, उसके लिए आपको अभी से काम करना होगा। कानपुर आइआइटी ने आपको वो ताकत दी है कि आपको सपने पूरे करने से कोई रोक नहीं सकता है।

3-कहा, यह दौर 21वीं सदी पूरी तरह से टेक्नोलाजी ट्रीवन है। इस दशक में भी टेक्नोलाजी अलग-अलग क्षेत्रों में अपना दबदबा और बढ़ाने वाली है। बिना टेक्नोलाजी के जीवन अब एक तरह से अधूरा ही होगा। यह जीवन और टेक्नोलाजी के स्पर्धा का युग है। मुझे विश्वास है, इसमें आप जरूर आगे निकलेंगे। आपने अपनी जवानी के इतने महत्वपूर्ण वर्ष टेक्नोलाजी का एक्सपर्ट बनने में लगाए। आपके लिए इससे बड़ा अवसर और क्या होगा। आपके पास तो भारत के साथ ही पूरे विश्व में टेक्नोलाजी के क्षेत्र में योगदान करने का बहुत बड़ा अवसर है।

4-कहा, आधुनिक भारत बनाने का वो सौभाग्य आपको मिला है, आपकी पीढ़ी को मिला है। साथियों आज आप इक्कीसवीं सदी के जिस काल खंड में वह बड़े लक्ष्य तय करने और उन्हें प्राप्त करने में पूरी शक्ति लगा देने का है। जो सोंच और एटीट्यूट आपका है, वही एटीड्यूट देश का भी है। पहले अगर जो सोंच काम चलाने की होती थी, तो आज सोंच कुछ कर गुजरने की। काम करके दिखाने की। पहले अगर समस्याओं से पीछा छुड़ाने की कोशिश होती थी तो आज समस्याओं के समाधान के लिए संकल्प लिए जाते हैं। समाधान वह भी स्थाई। आत्मनिर्भर भारत इसका बहुत बड़ा उदाहरण होता है।

5-कहा, जब देश की आजादी को 25 साल हुए, तब तक हमे भी अपने पैरों पर खड़ा होने के लिए बहुत कुछ कर लेना चाहिए था। तब से लेकर अब तक बहुत देर हो चुकी है और देश बहुत समय गंवा चुका है। बीच में दो पीढ़ियां चली गईं, इसलिए हमे दो पल भी अब नहीं गंवाना चाहिए। मेरी बातों में आपको अधीरता नजर आ रही है, और वह स्वाभाविक है, आपको अधीरता लगती भी होंगी। मैं चाहता हूं कि आपभी आत्मनिर्भर भारत के लिए अधीर बनें। आत्मनिर्भर भारत उस आजादी का मूल स्वरूप भी है, जहां हम किसी पर भी निर्भर नहीं रहेंगे। यदि हम आत्मनिर्भर नहीं होंगे, दो हमारा देश लक्ष्य कैसे पूरे करेगा। अपनी डेस्टिनी तक कैसे पहुंचेगा। साथियों आप ये कर सकते हैं, मेरा भरोसा है।

6-कहा,आज जो लक्ष्य देश तय कर रहा है, उसकी प्राप्ति की शक्ति भी देश को आपसे ही मिलेगी। आप ही हैं, जो ये करेंगे, और आपको ही करना है। ये अनंत संभावनाएं आपके लिए ही हैं। आपको ही इन्हें साकार करना है। देश जब अपनी आजादी के 100 वर्ष मनाएगा। उस सफलता में आपके पसीने के महक होगी आपके परिश्रम की पहचान होगी और आप यह भलीभांति जानते हैं।

7-कहा, साथियों एक जरूरी बात हम सबको याद रखनी है, आज से शुरू हुई इस यात्रा में आपको सहुलियत के लिए शार्टकट्स बहुत लोग बताएंगे, लेकिन मेरी सलाह होगी कि आप कंफर्ट और चैलेंज में अगर चुनना है, मै आग्रह करुंगा कंफर्ट मत चुनना और चैलेंज जरूर चुनना। क्योंकि आप चाहें या न चाहें, जीवन में चुनौतियां आनी ही हैं। जो लोग उनसे भागते हैं, वह उनका शिकार बन जाते हैं। बट इफ यू आर यू लुकिंग फार चैलेंजेंज यू आर द हंटर चैलेंज इज हंटेड। इसलिए आपको ऐसा इंसान बनना है, जो प्रोब्लम को तलाशता है और अपने मुताबिक अपनी च्वाइस से उनके सेल्युशन निकालता है।

8-कहा, फ्रेंड्स आप सभी स्टूडेंट्स आइआइटी के फाइनेस्ट टेक माइंड्स हैं। यू आल ईट, ड्रिंक, ब्रीथ टेक्नोलाजी। आप लगातार इनोवेंशन में ही लगे रहते हैं, फिर भी इन सब के बीच मेरा आपसे आग्रह है, टेक्नोलाजी की अपनी ताकत होती है, उस पर कोई बुराई नहीं। ये आपका पैशन भी है, लेकिन टेक्नोलाजी की दुनियां में रहते हुए आप ह्यूमन एलीमेंट राइट्स को मत भूलियेगा। आप अपने स्वयं के रोबोट वर्जन्स कभी नहीं बनिएगा।

9-कहा, आप अपनी मानवीय संवेदना, अपना कल्पनाओं, अपनी क्रियेटविटी, क्यूरीसिटी को हमेशा जिंदा रखिए। अपने जीवन में उन चीजों को भी महत्व दीजिएगा, जो जरूरी नहीं हमे टेक्नोलाजी की मदद से ही मिलती हो। आप इमोशन आफ थिंग को भूल मत जाइयेगा। आप आर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के बारे में जरूर सोचिएगा, लेकिन ह्यूमन इंटेलीजेंस को भी याद रखिएगा।

10-कहा, आप कोडिंग करते रहिए, लेकिन लोगों के साथ अपना कनेक्ट भी बनाए रखिएगा। अलग-अलग लोगों से, अलग अलग कल्चर के लोगों से आपका जुड़ाव आपके व्यक्तित्व की ताकत ही बढ़ाएगा। यह नहीं होना चाहिए कि जब इमोशन दिखाने की बात आए, तो आपका मस्तिक करे एचटीपीपी 0404। इन नाट फाउंड। जब बात शेयरिंग की हो, शेयरिंग आप ज्वाय और काइंडनेस की हो। तो कभी भी कोई पासवर्ड नहीं रखिएगा। खुले दिल से इंज्वाय करिएगा।

No comments