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एमएसपी पर कानून बनने तक जारी रहेगा धरना : राजेश

कृषि बिल वापसी पर भाकियू ने जताई खुशी, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का फूल-मालाओं से स्वागत

फतेहपुर, शमशाद खान । केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानून को वापस लिए जाने पर भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ताओं ने खुशियां जताते हुए एक दूसरे का मुंह मीठा कराया। दिल्ली बार्डर से किसान आंदोलन से जनपद लौटे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान का भाकियू कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से लादकर जमकर स्वागत किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि एमएसपी पर कानून बनने तक धरना जारी रहेगा। 

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष का माला पहनाकर स्वागत करते पदाधिकारी।

रविवार को नहर कालोनी स्थित परिसर में जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह गौतम की अध्यक्षता में भारतीय किसान यूनियन की बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान रहे। कृषि बिल वापसी होने की खुशी में एवं दिल्ली बार्डर पर किसानों के साथ धरना दे रहे राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान का भाकियू कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं से लादकर जमकर स्वागत किया। इस दौरान किसान यूनियन जिंदाबाद व राकेश टिकैत ज़िंदाबाद के गगन चुम्बी नारों से वातावरण गूंज उठा। बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि भले ही सरकार ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा की है लेकिन किसान एमएसपी पर गारंटी देने वाले कानून बनाए जाने तक धरना जारी रहेगा। धरने के दौरान शहीद होने वाले किसानों को मुआवजा देने की मांग किया। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए कहा कि पूंजीपतियों को खुश करने व किसानों को गुलाम बनाने वाले कानून की वापसी व किसानों को उनकी उपज का वास्तविक मूल्य मिलने की गारंटी देने वाले कानून बनाने की मांग को लेकर किसानों द्वारा दिल्ली के बॉर्डर पर धरना देने को बाध्य हैं। सरकार से बार-बार वार्ता के बाद भी किसानों की समस्याओ का निस्तारण नहीं किया गया। कृषि कानूनों की वापसी पर उन्होंने खुशी जताते हुए कहा कि यह किसानों की अभी आधी जीत है। जब तक सरकार किसानों को एमएसपी देने की गारंटी देने वाला कानून लागू नहीं करती तब तक किसान घर लौटने वाले नहीं है। उंन्होने कहा कि किसान किसी दल का विरोधी नहीं है उसे सरकार से अपनी समस्याओं का हल चाहिए। साथ ही धरने के दौरान सात सौ से अधिक किसानों की मौत हुई है सरकार सभी मृतक किसानों के परिजनों को एक-एक करोड़ रुपए का मुआवजा व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग किया। इस मौके पर राजेन्द्र सिंह, प्रीतम सिंह चंदेल, दीपक गुप्ता, भानु प्रताप, सोनू सिंह, बउवन शुक्ला, आदित्य सिंह, रवि सिंह चंदेल, प्रमोद कुमार पासवान आदि रहे।


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